Tuesday, September 12th, 2017 15:16:34
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ऑर्गेन डोनेशन की नीतियों में बदलाव करने जा रही है सरकार




ऑर्गेन डोनेशन की नीतियों में बदलाव करने जा रही है सरकारHealth & Food

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हमारा देश भले ही कितना भी एडवांस हो जाए, लेकिन अंगदान करने को लेकर आज भी जागरूक नहीं है। यही वजह है कि इसकी नॉलेज न होने के कारण हमारे देश में अंगों की बर्बादी होती है। भारत में ऑर्गन डोनर्स की कमी के कारण अंगों के लिए इंतजार करते हुए 90 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत में ऑर्गन डोनेशन की योग्यता की नीतियों में चेंज करने के बारे में विचार कर रही है।

वर्तमान में जो नियम है, उसके अनुसार मरीज का कोई भी करीबी संबंधी जैसे परिजन या कोई दोस्त उसे ऑर्गन डोनेट कर सकता है। अगर किसी स्थिति में डोनर मौजूद नहीं है या वो ऑर्गन डोनेट नहीं करना चाहता या फिर वो डोनेटे करने के लिए फिट नहीं है, तो ऐसी स्थिति में कानून का सहारा लिया जा सकता है। बहुत कम लोगों को ये बात पता हो, लेकिन इस बारे में सरकार के नियम और प्रावधान मौजूद हैं। ऐसे में सरकार के नियम और प्रावधान मौजूद है। सरकार ‘द ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन ऐक्ट’ 1994 के आर्टिकल 2 में बदलाव करना चाहती है।

पश्चिम बंगाल के अडिश्नल हेल्थ डायरेक्टर अदितिकिशोर सरकार ने कहा, केंद्र सरकार की ओर से यह एक अच्छी पहल है। हम भी अपनी चिंताएं इस संबंध में बताएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी इस पहल को ऑर्गन डोनेशन के संबंध में गेम चेंजर के तौर पर मान रहे हैं। ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन का इंतजार करने वाले मरीज करीब 586 हवाईजहाज़ में भरे जा सकते है इसका मतलब ये है कि करीब पांच लाख लोग ट्रांसप्लांटेशन के इंतजार में है। भारत में हर साल करीब पांच लाख लोग अंग न मिलने के कारण अपनी जान गवां बैठते है।

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